शनिवार, 7 दिसंबर 2013

क्या बात है

मुस्कुरा के बात को टालने की अदा.
लहरा के कान तक आने वाली सदा.

कदमों के साथ पायल का बजना ,
आसमान से बरसे पानी का मज़ा.

रविवार, 6 अक्टूबर 2013

अन्धेरों में चराग़ जला

दुश्मन को भी दोस्त बना के देखा.
अन्धेरों में भी चराग़ जला के देखा.

फ़र्ज समझ के रिश्तों को निभाया,
नाराज़ को भी गले लगा कर देखा.

पालकर दिल के कबूतर आसमां में,
रुख़सार खिलाफ़ भी भी उड़ाकर देखा.
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रविवार, 7 जुलाई 2013

जिन्दगी खुशी-ग़म का डेरा

कभी आन्धी कभी तूफां ने घेरा.
जिन्दगी है,खुशी-ग़म का डेरा.

कहीं सुकूं की मजिल दूर दिखी,
कहीं है सुख की छांव का बसेरा.

कर्म किया तो वो मिल जाएगा,
परेशां सा क्यूं करता है तेरा मेरा.
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मंगलवार, 30 अप्रैल 2013

सूरज निकलने दो

बगिया के फूलों को खिलने दो.
जमीं-आसमां को मिलने दो.

नफ़रतों के कपड़े उतार दीजिए,
प्रेम के फटे कुर्ते को सिलने दो.

माना कि दिलों में अन्धेरा बहुत है,
किसी झोंपड़ी में सूरज निकलने दो.
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मंगलवार, 2 अप्रैल 2013

इन्तज़ार करना


चाहत का दीपक जला के रखना,
कहा था, मेरा इन्तज़ार करना.

नसीब में हो ना हो, दम भरना
मग़र सांसों को अमर रखना.

वादा "दिया" था तुमने भी,
मेरे आने तलक,  ना मरना.
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सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

आवाज सुनी नहीं


मैंने तो आवाज दी थी, मगर तुमने सुना नहीं.
झोली में थे किस्मत के धागे, मग़र बुना नहीं.

अन्ज़ुमन छोड़ कर जा रहा था,मेरा हम नवा,
चौराहे पे खड़ा रहा मैं , कोई रास्ता चुना नहीं.
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गुरुवार, 10 जनवरी 2013

सर्दी की रेल..


तिल का तेल
हो गया फेल

सर्दी इतनी 
रुक गई रेल

जश्न का माहौल
बच्चों का खेल

टूटे कभी तो
कभी हुआ मेल
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रंग निराले



रबा तेरे, रंग है निराले.

गिरे हम,तूं ही सम्भाले.


तेरा है, खुला दरबार मग़र,

इन्सां के दिल पे ताले.

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