शनिवार, 7 दिसंबर 2013

क्या बात है

मुस्कुरा के बात को टालने की अदा.
लहरा के कान तक आने वाली सदा.

कदमों के साथ पायल का बजना ,
आसमान से बरसे पानी का मज़ा.

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