प्रकृति का यह कैसा क्रूर नियम है कि, बड़ी मछली छोटी मछली का पोषण करने की बजाय उसे निगल जाती है। मेरा यह ब्लोग "कविता की महक" बड़ी मछली का शिकार होने वालों को समर्पित है।
मंगलवार, 4 दिसंबर 2012
आजमाईश....
आजमाईश का दौर जब चला. इसमें हुआ ना किसी का भला. हज़म हो जाएगी मेहनत की रोटी, किसी मासूम का मत काटना गला. **********************
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